नारी / शैली वाधवा.

 


प्रश्न था वो नारीत्व के सम्मान का,

जो कारण बना महाभारत महासंग्राम का,

वस्तु की भांति बांट ली गई आपस में, तो कभी लगा दी गई दांव पे,

पीती गई घूंट वो अपमान का,

जो कारण बना महाभारत महासंग्राम का...

थी युद्ध की अग्नि इतनी प्रचंड जली, आहुति चढ़ गये कई योद्धा कई महाबली....

बहाता गया वो रक्त, चलाता गया वो शस्त्र,

पुरुष मारा हुआ अभिमान का,

जो कारण बना महाभारत महासंग्राम का....

बनी द्रोपदी- तो किया गया चीर हरण,

बनी सीता- तो ली गई अग्नि परीक्षा,

बनी पद्मावती-  तो जलना पड़ा अग्निकुंड में,

और बनी मीरा- तो पीना पड़ा विष प्याला,

लेखा चुकाती आई है नारी 

विधि के विधान का,

 जो कारण बना महाभारत महासंग्राम का...

उसमें ना दया, ना करुणा, ना अपनापन था,

वो समाज था पुरुष प्रधान का,

जो कारण बना महाभारत महासंग्राम का....

प्रश्न था वो नारीत्व के सम्मान का।