बिन गुरु कैसे गुणवान बने / अनमोल सयाल .

बिन गुरु कैसे गुणवान बने

हुनर ये हमें सिखाते हैं

सिर्फ पढ़ने लिखने तक नहीं रहता सीमित

और भी कई गुण ज़िन्दगी हमारी बनाते हैं

 कुछ भी हो सकता है इस जग में

असम्भव को सम्भव करना जानते हैं 

ना होने वाली कोई चीज़ ना इस जग में

यही सबको मै समझता हूं

नक्शे कदमों पे मै उनके चलकर

जग में नाम कमाना चाहता हूं

और तो खैर क्या बोलूं उनकी तारीफ में

अपने मां बाप को ही मै अपना गुरु मानता हूं 

                                   - अनमोल सियाल