कृष्ण गोपाल हमारा /ललित बेरी .
चलो चलें कान्हा की नगरी
मथुरा वृंदावन
कण कण में बसते जहां
वासुदेव सुत यशोदा नंदन
अजब गजब की लीला देखो
तीन लोक के नाथ
मां से मांग रहे माखन
फैलाकर दोनों हाथ
देवकी प्रिय
नंद का लाल
गोकुल का दुलारा
बाल गोपाल
बलराम का अनुज
राधा का श्याम
गोपियों का सखा
कृष्ण गोपाल
हमारा कृष्ण गोपाल