समय की पुकार सुन / सुमन शर्मा .

समय की पुकार सुन,

जाग नौजवां प्रसून ।

देख साहस को तेरे,

जग हो रहा चकित नयन।


माँ भारती के लाल तुम,

अनमोल हो तुम रतन।

तुम्हीं को अब करना है,

अपनी धरा का जतन।


देशभक्ति की जला ले,

दिल में अपने ऐसी अगन,

बनना न पड़े अब कभी, 

किसी तिरंगे को कफ़न।


दम से तेरे ही तो है,

सुरक्षित मेरा वतन, अपना वतन,

ओ माँ के वीर लाड़लों, 

तुमको नमन शत् शत् नमन।


सुमन शर्मा