सपनों से दूर करती यह कैसी पढ़ाई?.

 

-अतुल मलिकराम (लेखक एवं राजनीतिक रणनीतिकार)

 

भारत के एक हलचल भरे शहर में, आन्या नामक एक होनहार युवती रहती है, जिसने हाल ही में ग्रेजुएशन पूरा किया है। उसकी मेहनत और डिग्री उसके सपनों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण साधन थी। लेकिन जब वह नौकरी की तलाश में निकली, तो उसे अहसास हुआ कि उसकी डिग्री और पढ़ाई अपेक्षित कौशल की कमी है।


वर्तमान में, नौकरी के लिए आवश्यक कौशल जैसे कोडिंग, डेटा एनालिसिस और टीम वर्क, उसे कभी सिखाए ही नहीं गए थे। हमारी शिक्षा प्रणाली, जो अक्सर रटंत विद्या और नंबरों पर जोर देती है, छात्रों को आधुनिक उद्योगों की आवश्यकताओं के लिए तैयार नहीं करती। हर साल, हजारों ग्रेजुएट्स होने के बावजूद, अधिकांश बेरोजगारी से जूझते हैं या छोटी-मोटी नौकरियों में फंसे रहते हैं।


इंडिया स्किल्स रिपोर्ट के अनुसार, केवल 46% भारतीय ग्रेजुएट्स ही रोजगार के लिए तैयार हैं, जो एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है। तेजी से बदलती तकनीकी और उद्योग की मांग के अनुरूप शिक्षा प्रणाली को अपडेट किया जाना आवश्यक है। हमारे युवा आज भी पुराने सिलेबस में अटके हैं, जिससे उनकी तैयारी अधूरी रह जाती है।


आन्या जैसे युवाओं को यह समझने में देर लगती है कि केवल डिग्री ही सफलता की गारंटी नहीं है। उसके कॉलेज सर्टिफिकेट में उच्च ग्रेड के बावजूद, उसे व्यावहारिक ज्ञान की कमी का सामना करना पड़ा। कोडिंग, डेटा एनालिसिस जैसी महत्वपूर्ण स्किल्स उसके पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं थीं। इसका परिणाम उसे बेरोजगारी और निराशा के चक्र में फंसा देता है।


शिक्षा और रोजगार के बीच की इस खाई का युवाओं पर गहरा असर पड़ता है। समाज और परिवार का दबाव, बेरोजगारी से जुड़े सामाजिक कलंक और अनिश्चित भविष्य के डर से वे निराश हो जाते हैं। आन्या के माता-पिता ने उसकी पढ़ाई के लिए कई sacrifices किए, यह विश्वास कर कि उनकी बेटी अच्छे करियर में सफल होगी। लेकिन निराशाजनक परिणाम ने उन्हें और आन्या को मानसिक और भावनात्मक तनाव में डाल दिया।


आन्या जैसे युवाओं से मेरा संदेश है कि एक हार पर जीवन खत्म नहीं होता। सफलता पाने के लिए दृढ़ संकल्प और जीवनभर सीखने का महत्व है। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हमारी शिक्षा प्रणाली आधुनिक उद्योगों की मांगों के अनुरूप हो। इसके लिए सरकार, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और छात्रों के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। सही दिशा में थोड़े से प्रयास से हम युवाओं का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं और देश के विकास में योगदान कर सकते हैं।