प्रार्थना करते हुए.

बादलों की ओट में 

रिमझिम बरसात में 

कोविड-19 के हालात में! 

 

            ठंडी ठंडी हवा से 

            पंछियों की डार से 

            उनकी मधुर आवाज़ से 

            समय की रफ्तार से 

            हर तरफ चुपचाप से

            फूलों से की हुईं बात से 

            लम्बे हुए दिन और रात से! 


कुदरत की खुशगवारी में 

साफ हुई हर अलमारी में 

प्रार्थना करते हुए कि ----

सब ठीक रहे इस महामारी में 

हम खुश हैं -----

       अपने घर की इस चारदीवारी में 

       अपने घर की इस चारदीवारी में! 

 

        __ (सरु जैन) __

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