मौन.
मौन अदम्य शक्ति है,
स्वप्न की,
यथार्थ का प्रहार जहां तक नही पहुँचता।
मौन हैं स्त्रियाँ भी,
तभी पुरुष बोलता है,
क्योंकि इनके मौन से पुरुष भी बंधा हुआ।
मौन आदित्य साहस है,
श्रेष्ठ और संकल्प का,
अलौकिकता का सार भी जिसमे छुपा हुआ।
मौन एक आवाज़ है,
गहन शब्दों की सुरताल है,
जिसकी परकाष्ठा कोई राग नही झेलता।
--कार्तिका सिंह
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