शिकस्ता उदास परेशान हो गई जीवन की बस्ती ।। कैसे आजाद फिजा को तरस गई इंसान की हस्ती ।। .

 

   आज कोरोना वायरस के खौफ से समस्त विश्व सहमा हुआ है ।दुनिया के हर हिस्से में कोरोना से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या और इस बीमारी का जानलेवा आक्रमण चिंता का विषय है ।एक ही प्रहार ने जीवन की पूरी काया को पलट कर रख दिया है ।कुछ हद तक तो प्रकृति का नियम मुनासिब है ।लेकिन यह सजा मानव के लिए असहनीय हो गई है ।जिंदगी घर की चारदीवारी में कैद होकर आहें भर रही है। आधुनिक जीवन की चकाचौंध में जो इंसानियत और रूहानियत फीकी पड़ गई थी आज उनका ही सहारा लेकर हम विश्व कल्याण की दुआएं मांग रहे हैं ।काश हमने वह भूल ना की होती जिसकी सजा सहने की हमारी हिम्मत नहीं।                                बेशक हम सभी कोरोना के साथ बहुत ही बहादुरी और धैर्य के साथ जंग लड़ रहे हैं ।भारतीय सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय है ,इसीलिए पूरे संसार में भारत एक शक्तिशाली व समझदार राष्ट्र बनकर उजागर हो रहा है ।बहुत ही उचित समय पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 21 दिन के लॉक डाउन का बिगुल बजाकर कोरोना की हार सुनिश्चित कर दी है ।              सभी भारतवासी इस अनुरोध को मानते हुए घर पर बैठकर सदियों तक याद रखने वाली जंग लड़ रहे हैं ,सामाजिक दूरी ,हाथों को बार बार धोना बाहर ना निकलना आदि कदमों से हम अपनी और समाज की भलाई कर रहे हैं। इस आपदा से लड़ने के लिए हमने अपने आप को शारीरिक रूप से बहुत सक्षम कर लिया है किंतु इसके साथ-साथ हमें मानसिक स्तर पर भी शुद्धता की जरूरत है सुबह से रात तक हम सोशल मीडिया के द्वारा नकारात्मक बातों को ग्रहण करते हैं और फिर वैसी ही नेगेटिव ऊर्जा अपने आसपास फैलाते हैं ।एक बात को बहुत ध्यान से समझने की जरूरत है कि हम इस ब्रह्मांड में जिस तरह की सोच व भाव की आवृत्ति भेजते हैं वह हजारों गुना होकर हमारे पास वापस लौटती है। हम कोरोना के साथ चल रहा युद्ध भी  तभी जीत सकते हैं यदि हमारा मनोबल ,हमारे भाव और हमारे विचार बहुत सकारात्मक और शांतिपूर्ण होंगे ।कहते हैं कि "हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं ,तो दुआएं भी मुसीबत के पल बदल सकती हैं" इस मुश्किल दौर में हमारा यह फर्ज है कि हम अपने घरों में ही बैठकर प्रार्थना ,ध्यान और पॉजिटिव विचारों से एक ऐसा मानसिक व आध्यात्मिक वातावरण बनाए जिससे कोरोना वायरस के विनाश में सहायता हो। यह वक्त अवांछित बातें करने का नहीं है ।भविष्य वैसा ही होगा जैसी आज हम उसकी छवि अपने दिमाग में बनाएंगे ।हम सबको इस बात का हर्ष और गर्व करना चाहिए कि भारतीय सरकार जिस तरह से केरोना से निपट रही है उस पर सारी दुनिया तालियाँ बजा रही है ।आप सुनिश्चित हो जाए ,हमारी ऋषि-मुनियों की यह धरा हम सबके लिए महफूज है ।बस ध्यान रखें कि घर में ही रहे ,पॉजिटिव बातें करें ,अपनों के साथ प्यार से समय बिताएं ,भूले बिसरे रिश्तो को फिर से तरोताजा करें ।  भारत की विजय का परचम जल्दी ही लहराता नजर आएगा अंत में यही कहूंगी।  आप बस धैर्य व प्रेम से बैठे रहो यह मुश्किल भी हल हो जाएगी उम्र बहुत छोटी है डर की आंधी की।                               देखना बहुत जल्द ही गुजर जाएगी।       

  जय हिंद........

- छाया शर्मा,