संदेश* / *"जीत अपनी मुठ्ठी में है"*.
आ छीं! खों- खों!
आज कल यह ध्वनि सुनते ही हमारे मन में अजीब सी घबराहट होने लगती है। हो भी क्यों ना? कोरोना वायरस का कहर जो बरस रहा है। आज इधर उधर देखो तो सिर्फ वायरस की ही चर्चा है। इस वायरस ने पूरी दुनिया को अपने वश में कर लिया है। आम आदमी से लेकर राजघराने तक के लोगों को इस वायरस ने जकड़ लिया है और हम फिर भी समझ व संभल नहीं पा रहे हैं। कुछ लोग इस वाइरस की गहराई को समझ नहीं पा रहे हैं और सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करते रहते हैं। तभी तो इस वायरस ने अपने पैर भी जमाने शुरू कर दिए हैं। पर इससे डरने की जरूरत नहीं है, जरूरत है तो थोड़ी सी जागरूकता, थोड़ी सी सावधानी की। एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें, बार बार हाथ साबुन व पानी से धोएं। गर्म पानी पीजिए। मुंह पर रुमाल रख कर ही खांसिए। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दी गई गाइडलाइंस का पालन कीजिए। लॉक डाउन का पालन कीजिए। घर पर रहिए और सुरक्षित रहिए। हम घर रह कर ही उन कर्मवीरों की तरह जो निस्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा कर रहे हैं; जिनमें डॉक्टर, नर्स, आर्मी, समाज सेवी संस्थाएं, पुलिस कर्मी इत्यादि आते हैं, हम अपने देश के प्रति अपना प्रेम दर्शा सकते हैं। हम सब घर रहें तो यकीन कीजिए घर बैठे ही हम इस महामारी का अंत कर सकते हैं। आप सब अपने आप को कैद मत समझिए, खुद को जानिए, योग कीजिए, अच्छा खाइए, अच्छा सोचिए और ऐसा कर आप लगातार बढ़ते आंकड़े को बढ़ने से रोकने की सिर्फ देश ही नहीं अपितु विश्व की सेवा कर सकते हैं।
अनु पुरी
भारतीय विद्या मंदिर
किचलू नगर
लुधियाना