पैनी नज़र.

 


जिनकी नज़रों में होती है

जुगनू सी चमक

बेख़ौफ़ वो

अँधेरों को चीर

निकल जाते हैं...


जिनके हाथों में होता है

जहाज़ बनाने का हुनर

रंग देख के पानी का भाँप लेते हैं वो

गहराई सागर की...


जिनकी आंखों में होता है 

चेहरा पढ़ने का हुनर 

बंद आंखों से भी पढ़ लेते हैं 

अपने महबूब के चेहरे पर लिखी तहरीर...


जिनके पास होता है

भविष्य पढ़ने का हुनर

वोह पढ़ लेते हैं दूसरों की ज़िन्दगी के पन्नों को

मन की आंखों से...


दूर बादलों के पास

उड़ते हुए बाज़ की पैनी नज़र 

देख लेती है ज़मीन पर 

दौड़ते हुए खरगोश की कलाबाजियांँ

और एक पल भी गवाएं हुए

झपट लेता है अपना शिकार...


हांँ!नजर देख नहीं सकती बादलों के पार

मगर मुझे पता है उस पार भी कोई रहता है

जो कहकशांँओं को चमकाता है

 सूरज को देहकाता है 

लेकिन वह नज़र आता है 

सिर्फ़ और सिर्फ़ मन की आंखों से...।


 

                     - जसप्रीत कौर फ़लक