चाहत .
हम चाहते हैं किसी और को,
तुम चाहते हो किसी और को
जो हमें एक करने में है लगा,
अब क्या कहें उस दौर को।
जिसे तूने चाहा, जिसे मैंने चाहा
वो मर मिटे किसी और पे
तुम बताओ थोड़ा सा
ख्याल ना किया जाए उस दौर पे।
तुम चाहत रखना किसी से,
मैं चाहत रखूँगा किसी और से
अच्छा है ,हम बिन मुहब्बत ही
गुजर जायेंगे इस दौर से।
मेरी चाहत है वही बस चेहरा बदल
जायेगा उसका किसी और से
तुम चाहोगे मुझे किसी और का चेहरा
लगा कर अब चाहना गौर से।
शायर हूँ जनाब, जल्द बहल जाता हूँ,
तुम बहलाना बड़े शौक से।
मुझे बेवफा ना कहना,क्या पता कल
तेरा चेहरा बदल जाये किसी और से।
तेरी आवाज़ से आ रहा है नाम किसी और का,
तू नाम ले मेरा ज़ोर से
एक बात बताऊँ,चाहूँगा तुझे भी,
जब चाहत होगी मुझे किसी और से।
मेरी चाहतों का भी एक सफर है
कभी देखना मेरी आंखों में गौर से।
सारी चाहतों को मिलाऊंगा एक दिन
जो मेरी चाहत है मौत से।
-- गुरदीप