सितारों की चाहत.
ऐ नादान दिल! तेरी गवारों सी आदत
पांव ज़मीं पर और सितारों की चाहत
कल तक तो पहले सा अच्छा भला था
तुझे आखिर क्या हो गया यूं अचानक
हठ छोड़ और अपने दायरे में रहा कर
देख फैला के अपना दामन कहाँ तक
क्यों ख्वाबों की बस्तियाँ आबाद कर लीं
देख तो ज़रा हाथ उठा के फलक तक
छोड़ दे नादानी, संभल जा अभी भी
न खुद परेशां हो,न कर मुझको ना-हक
खुदा गर चाहे, अता पहले ही करदे
दिल से उठे और न आए ज़ुबां तक
इबारत खुदा की, जाने खुदा ही
यहां होता वही,जैसे खुदा की चाहत
- गुरवीर सिआण