अंजुली.
(अंजुली की महत्ता का वर्णन है ये छोटी सी कविता...)
समुंद्र मंथन से निकला था जब,
विष का एक अंबार,
बनाकर अंजुली,
किया था शिव भोले ने विष का पान।
जब मांगा था अंजनी ने,
महादेव से पुत्र का वरदान,
थमाकर अद्भुत फल अंजुली में,
लिया भोले ने अपना 11वां अवतार।
- दीपक ठाकुर