हर खुशी तेरे नाम .
मैं अपनी हर खुशी आज से ,
तेरे नाम करता हूं।
जो भी है मेरे दिल में,
इन लफ़्ज़ों में बयां करता हूं।
तू मुझसे दूर नहीं,
इस बात की वकालत,
मैं हर बार करता हूं।
मैं ये इश्क़ की बाज़ी हार कर भी,
जीत जाया करता हूं।
मैं शम्मा कभी तो कभी चिराग़,
रौशन किया करता हूं।
मैं अपनी हर खुशी आज से ,
तेरे नाम करता हूं।
- दीपक ठाकुर