मैं भी हरजीत.

मैं भी हरजीत 

ये कैसी आफत आई

हम अंदर कोरोना बाहर

बीच में खाकी बनी दीवार

अंदर रहना बाहर ना आना

रखना बंद दरवाजा

बाहर खड़ा है तेरा भाई

बोली बहना पर मेरे भाई

तुम भी तो हो भूखे प्यासे

दिन-रात डटे हो ड्यूटी पर

परिवार तुम्हारा भी रोता होगा

याद में तुम्हारी ना सोता होगा

चिंता ना कर मेरी बहना

फर्ज वर्दी का निभाना है

हर भारतवासी को बचाना है

रक्षक पर तब टूटा भक्षक

काट दिया वह हाथ

हंसा खाकी उठाया हाथ

चला गया वो हस्पताल

वहां खड़े सफेद वर्दी वाले तैयार

जोड़ा हाथ और बोले मिलकर

एकता में ही जीत 

मैं भी हरजीत

                              - वीना रेखी